Friday, February 4, 2011

गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण

1. सादा जीवनउच्च विचारउसके जीने का ढंग बड़ा सरल थापुराने और मैले कपड़ेबढ़ीहुई दाढ़ीमहीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवनजैसे मध्यकालीन भारतका फकीर होजीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐशो-आराम और विलासिता केलिए एक पल की भी फुर्सत नहींऔर विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने! 'जो डर गयासो मर गया'जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था.
दयालु प्रवृत्तिठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा थाइसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथोंको सज़ा दीअगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता थापर उसके ममतापूर्ण और करुणामयह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.

3. 
नृत्य-संगीत का शौकीन: 'महबूबा ओये महबूबागीत के समय उसके कलाकार ह्रदय कापरिचय मिलता हैअन्य डाकुओं की तरह उसका ह्रदय शुष्क नहीं थावह जीवन में नृत्य-संगीतएवंकला के महत्त्व को समझता थाबसन्ती को पकड़ने के बाद उसके मन का नृत्यप्रेमी फिर से जागउठा थाउसने बसन्ती के अन्दर छुपी नर्तकी को एक पल में पहचान लिया थागौरतलब यह किकला के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने का वह कोई अवसर नहीं छोड़ता था.

4. 
अनुशासनप्रिय नायकजब कालिया और उसके दोस्त अपने प्रोजेक्ट से नाकाम होकरलौटे तो उसने कतई ढीलाई नहीं बरतीअनुशासन के प्रति अपने अगाध समर्पण को दर्शाते हुए उसनेउन्हें तुरंत सज़ा दी.

5. 
हास्य-रस का प्रेमीउसमें गज़ब का सेन्स ऑफ ह्यूमर थाकालिया और उसके दो दोस्तोंको मारने से पहले उसने उन तीनों को खूब हंसाया थाताकि वो हंसते-हंसते दुनिया को अलविदाकह सकेंवह आधुनिक यु का 'लाफिंग बुद्धाथा.

6. नारी के प्रति सम्मानबसन्ती जैसी सुन्दर नारी का अपहरण करने के बाद उसने उससेएक नृत्य का निवेदन कियाआज-कल का खलनायक होता तो शायद कुछ और करता.


7. 
भिक्षुक जीवनउसने हिन्दू धर्म और महात्मा बुद्ध द्वारा दिखाए गए भिक्षुक जीवन केरास्ते को अपनाया थारामपुर और अन्य गाँवों से उसे जो भी सूखा-कच्चा अनाज मिलता थावोउसी से अपनी गुजर-बसर करता थासोनाचांदीबिरयानी या चिकन मलाई टिक्का की उसने कभी इच्छा ज़ाहिर नहीं की.

8. 
सामाजिक कार्यडकैती के पेशे के अलावा वो छोटे बच्चों को सुलाने का भी काम करता थासैकड़ों माताएं उसका नाम लेती थीं ताकि बच्चे बिना कलह किए सो जाएंसरकार ने उसपर 50,000 रुपयों का इनाम घोषित कर रखा थाउस युग में 'कौन बनेगा करोड़पतिना होने के बावजूद लोगों को रातों-रात अमीर बनाने का गब्बर का यह सच्चा प्रयास था.

9. 
महानायकों का निर्माताअगर गब्बर नहीं होता तो जय और व1रू जैसे लुच्चे-लफंगे छोटी-मोटी चोरियां करते हुए स्वर्ग सिधार जातेपर यह गब्बर के व्यक्तित्व का प्रताप था कि उन लफंगों में भी महानायक बनने की क्षमता जागी.

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